
चंपावत में घूस लेते हुए पकड़े गए दो वन कर्मियों को वन विभाग ने निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई विजिलेंस की पड़ताल के बाद की गई, जिसमें दोनों कर्मचारियों को रंगे हाथों 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था।
जानकारी के अनुसार मामला चंपावत के चेक पोस्ट से लकड़ी पास करने के लिए रिश्वत मांगने से जुड़ा था। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस को बताया कि गौशाला निर्माण के लिए जंगल से टूटी हुई लकड़ी लेने के एवज में वनकर्मियों ने 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस पर विजिलेंस की टीम ने लंबे समय तक होमवर्क किया और शिकायतकर्ता के सहयोग से दोनों फॉरेस्ट गार्ड को ट्रैप कर रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
पकड़े गए वनकर्मियों की पहचान भुवन चंद भट्ट और दीपक जोशी के रूप में हुई। उन्हें 25 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया गया। विजिलेंस की कार्रवाई के बाद वन क्षेत्राधिकारी चंपावत ने डीएफओ को पत्र भेजकर दोनों कर्मचारियों के निलंबन की सिफारिश की। इसके बाद डीएफओ ने दोनों वनकर्मियों को तुरंत निलंबित करने के आदेश जारी किए।
चंपावत वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह ने निलंबन आदेश कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट को भेजते हुए पूरे मामले की जानकारी दी। इस घटना के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया और मामला चंपावत से लेकर मुख्यालय तक सुर्खियों में रहा।
वन विभाग ने इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार पर सख्त रुख के रूप में प्रस्तुत किया है। वहीं, विजिलेंस की सतर्कता और शिकायतकर्ता की सूझबूझ ने भ्रष्टाचार की एक बड़ी कोशिश को विफल कर दिया। फिलहाल, दोनों वनकर्मियों के खिलाफ आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई जारी है।



