राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी 16 हजार छात्रों को दी डिग्री
कुमाऊं विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में किया शोधार्थियों को किया सम्मानित

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नैनीताल स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया और स्नातक, स्नातकोत्तर तथा शोधार्थियों को डिग्रियां और मेडल प्रदान किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और हिमालय के संसाधनों के संरक्षण पर जोर दिया।
दीक्षांत समारोह में 16,183 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई, जिसमें 9,788 छात्राएं और 6,395 छात्र शामिल हैं। स्नातक स्तर पर 7,823 छात्राएं और 1,965 छात्र, जबकि स्नातकोत्तर स्तर पर 5,067 छात्राएं और 1,328 छात्र डिग्री प्राप्त किए। इसके साथ ही 234 शोधार्थियों को पीएचडी दी गई, जिसमें 90 पुरुष और 144 महिलाएं शामिल हैं। तीन विशिष्ट शोधकर्ताओं को डीलिट उपाधि से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा केवल आत्मनिर्भर नहीं बनाती, बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान देना भी सिखाती है। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों से आग्रह किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करें, स्थानीय समस्याओं को समझें और समाधान के प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के लिए अवसर उपलब्ध करा रही है और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। साथ ही कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में किए जा रहे प्रयासों की भी उन्होंने सराहना की।
राष्ट्रपति मुर्मू ने नैनीताल में राजभवन के 125 वर्ष पूरे होने, नैना देवी मंदिर और कैंची धाम स्थित नीम करौली बाबा आश्रम का भी दौरा किया। राष्ट्रपति ने अपने तीन दिवसीय दौरे के बाद दिल्ली के लिए प्रस्थान किया।

