अपराधआरोपदेहरादून

पैसे ना मिलने पर निगम ने चलाया अवैध कब्जे वाले 25घरों पर जेसीबी,निगम और अधिकारियो के नाम पर पैसे लेने वाली मनोरमा काला बेखौफ

देहरादून में एकता विहार कालोनी में प्रधानमंत्री आवास योजना के पास नगर निगम देहरादून द्वारा लोगो द्वारा लाखो रुपए देकर बनाए 22 घरों पर जेसीबी मशीनों से रौंद दिया गया,

आइए जानते है कि किया है माजरा यहा पर बसे हुए लोगो ने बताया कि जिन लोगों द्वारा यहां मकान बनाए गए थे,उनके द्वारा मनोरमा काला को हर एक मकान की जगह के बदले 4से 5 लाख रुपए में डील तय हुई थी और इसके एवज में निगम द्वारा के पक्के पट्टे दिए जाने, बिजली ,पानी की सुविधा आदि दिए जाने की बात मनोरमा काला द्वारा की गई थी, पीड़ितों द्वारा मनोरमा काला को समय-समय पर कीमत रिश्तो के रूप दी गई में , कुछ दिन पूर्व मनोरमा काला द्वारा पैसों की और डिमांड की गई जिसको देने में वहां रह रहे सभी व्यक्तियों ने अपनी और असमर्था जताई और कहा की उनके द्वारा जो भी धनराशि थी वह उनको देने के बाद उन्होंने अपने मकान बनाने में लगा दी है अब जैसे ही पैसों का इंतजाम होगा तो  उनको दे दिए जाएंगे, लेकिन मनोरमा काला द्वारा उनको मकान तोडे जाने का डर भी दिखाया गया जिसके पश्चात मनोरमा काला द्वारा उक्त सभी व्यक्तियों को मयूर कॉलोनी चौकी में बुलाकर समझौते का भी प्रेशर बनाया गया।

लेकिन वहां रह रहे लोगों द्वारा गामा से दो दिन पहले मुलाकात कर कुछ दिन का समय मांगा गया जिस पर मेरे द्वारा उनको समय दिए जाने की बात कही और जल्द से जल्द अपना दूसरा मकान देखने को कहा परंतु 2 दिन बाद आज सुबेरे ही नगर निगम की टीम अपनी जेसीबी और पुलिस फोर्स के साथ उक्त स्थान पर पहुंची और बिना देखें मकानों पर जेसीबी चलाना शुरु कर दिया यह कार्रवाई देख लोगों में अफरा-तफरी मच गई लोगों द्वारा लाख मिनत किए जाने पर कि मेयर द्वारा उनको कुछ दिनों की मोहलत दी गई है की बातों को नकारते हुए निगम अधिकारियों द्वारा सभी घरों पर जेसीबी चलाकर तहस-नहस कर दिया गया।

लेकिन अब सवाल यह उठता है कि इतने दिनों से कििया निगम सोया हुआ था अभी तक क्यों निगम द्वारा इसे रोका गया जब तक लोग द्वारा मनोरमा काला द्वारा अधिकारियों को पैसे दिए जा रहे थे तब तक उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की जब लोगो द्वारा पैसे देने में असमर्था  जताई तो निगम द्वारा लोगो के घरों पर जेसीबी चला दी।

सवाल:निगम और पुलिस द्वारा मनोरमा काला को यूं ही छोड़ दिया जाएगा जो निगम अधिकारी और मेयर के नाम से लोगों से लाखों रुपए डकार चुकी है लोगों का आरोप है कि मनोरमा काला द्वारा यह कहा गया कि निगम के अधिकारियों द्वारा अधिक धनराशि की मांग की जा रही है तो जल्द से जल्द पैसों का इंतजाम कर दें जिससे वह निगम के अधिकारियों को पैसे दे सके और कार्रवाई रुका सके।

अब सवाल उठता है कि क्या निगम के अधिकारी अपनी ड्यूटी सही समय एवं ईमानदारी से कर रहे हैं या नहीं जब यहां पर अवैध बस्तियों का निर्माण हो रहा था तब क्यों नहीं निगम के अधिकारियों द्वारा इस अतिक्रमण को रोका गया गरीब मजदूरों द्वारा अपनी मेहनत की कमाई अपने घरों पर लगा दी गई है तो आज निगम ने इनकी भूमियों पर जेसीबी चला दी है तो क्या निगम के अधिकारी मनोरमा काला पर निगम के नाम पर उगाही करने के मामले में कोई कार्यवाही करेगी अथवा नहीं ????

 

पीड़ित लोगों ने कहा कि जब नेता यहां पर वोट मांगने आ रहे थे तब उन्हें यह अवैध बस्ती नहीं लग रही थी सवाल उचित ही है लगभग 20 सालों से जो लोग यहां रह रहे हैं तो क्या उस समय निगम और प्रशासन को यह बस्तियां अवैध नहीं दिख रही थी जब पूरा मामला सामने आया है तो इस अवैध बस्ती के पीछे सिर्फ और सिर्फ पैसों का लेनदन इनकी बर्बादी का कारण बना है तो क्या अब शासन और प्रशासन इन गरीब मजदूरों की मेहनत की रकम वापस करवा पाएगी या मनोरमा काला द्वारा अधिकारियों के नाम पर ठगे पैसे निगम अधिकारियों मनोरमा काला द्वारा डकार ले जाएंगे।

 

उजड़ने से पहले लोगो के आशियाने 

निगम द्वारा उजड़ा हुआ लोगो की मेहनत की कमाई का आशियाना

अब सवाल यह उठता है कि जब मनोरमा काला बगल में बने प्रधान मंत्री आवास योजना में रहती है और उस सोसायटी की अध्यक्ष है,तब भी लोगो के लाख कहने पर पुलिस और निगम द्वारा क्यों नहीं किसी तरह की कार्यवाही की गई, इस पूरे मामले में शासन और प्रशासन की मिली भगत को नकारा नहीं जा सकता है।इस तरह की कार्यशैली पर सवाल खड़े होना वाजिब है।

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