प्रेमनगर में हो रहे नगर निगम की जमीन पर अवैध कब्जे हटाने के डीएम ने दिए आदेश
प्रेमनगर में निगम की भूमि पर शासन और प्रशासन की मिलीभगत से हो रहे अवैध कब्जे के खिलाफ अधिवक्ता अकाश यादव की अगुवाई में स्थानीय लोगों ने दिया ज्ञापन

देहरादून (नवीन यादव)

प्रेम नगर के इलाके में हो रहे अवैध कब्जे को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता आकाश यादव द्वारा स्थानीय लोगों को लेकर डीएम सोनिका से मुलाकात की जिसमें उन्होंने वहां पर सिमरन नामक व्यक्ति व अन्य लोगों द्वारा नगर निगम की भूमि पर कब्जा करने को लेकर ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने बताया कि पूर्व में भी उप जिलाधिकारी द्वारा उक्त स्थान पर 29 अवैध कब्जे हटाए गए थे परंतु 1 वर्ष पश्चात इन शरारती तत्वों द्वारा फिर से भूमि पर टीन शेड डालकर अवैध कब्जे करे जा रहे है।
नगर निगम द्वारा कई मामलों में शिकायत कार्ता से नगर निगम की भूमि से संबंधित खसरा नंबर व दस्ता वेज माग लेता है ,जिस कारण कार्रवाई करने से बच जाता है और मौके पर जा कर माडवाली कर लेता है, कई मामलों में निगम के अधिकारियों द्वारा मोटी रकम लेकर सरकारी भूमि, रास्तों पर ठेलियो द्वारा कब्जे करवा रहे हैं और उनसे अच्छी खासी रकम हड़प रही है, जिसके कारण शहर में कई जगह जाम की स्थिति का सामना करना पड़ता है, कई मामलों में प्रार्थना पत्र लेकर ही नगर निगम भी टाल मटोल करता रहता है, जिसके चलते ज्यादातर जमीन भू माफियाओं ने जमीन पर कब्जा कर लिया है। उक्त अतिक्रमण का विरोध करने पर अतिक्रमण कारियो द्वारा सर्वोच्च पहुंच का रोब दिखा रहे हैं, अधिवक्ता आकाश यादव का स्थानीय लोगों द्वारा दावा सोनिका से अपील की गई है कि अतिक्रमण को जल्द से जल्द हटा दिया जाए जिससे कि अन्य भूमाफियाओं , शरारीतत्वों द्वारा कब्जा उक्त भूमियो पर कब्जा न कर लिया जाय।

वकील आकाश यादव (सामाजिक कार्यकर्ता)
क्या कहते हैं, पहाड़ी समाचार दर्पण से बात करते हुए आकाश यादव द्वारा बताया गया कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं, जो समय-समय पर जनहित के मुद्दों की लोगो की आवाज एवं मुद्दो को कारण रहते हैं, प्रेम नगर के मामले में आकाश यादव नगर निगम द्वारा मिलीभगत होने का आरोप भी लगा रहे हैं, उन्होंने कहा कि केवल इसी भूमि पर नगर निगम की अन्य भूमियों पर भी शासन और प्रशासन में बैठे लोगों द्वारा सह देकर कई बीघे भूमियों को खुरबुर्द किया गया है और कई मामलों में वकील आकाश यादव द्वारा वैज्ञानिक प्रमाण भी विचाराधीन है।



