देहरादून

उत्तराखंड का एक और सपूत बना भारत का नया सीडीएस

नई दिल्ली-: देश के पहले सीडीएस(चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) बिपिन रावत की आकस्मिक मौत के बाद से खाली हुए सीडीएस पद पर कल केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड के बेटे लेफ्टिनेंट जनरल(सेवा0)अनिल चौहान को देश का नया सीडीएस नियुक्त किया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान पौड़ी जनपद के गवांणा गांव के निवासी है व उनका परिवार वर्तमान में जनपद देहरादून के वसंत विहार क्षेत्र में निवास करता है।

18 मई 1961 को पौड़ी जनपद के गवांणा गांव में पैदा हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान एनडीए खडकवासला व आईएमए देहरादून के छात्र के रूप में अपनी ट्रेनिग प्राप्त कर वर्ष 1981 में 11 गोरखा राइफल्स में बतौर युवा अधिकारी नियुक्त हुए। अपने 40 वर्ष के कार्यकाल में उनके द्वारा भारतीय थल सेना की विभिन्न कमांड का नेतृत्व किया है। उनके द्वारा खासतौर पर उत्तर पूर्वी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर रहते हुए उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में चीन की सेना के खिलाफ भारतीय सेना का सराहनीय व काबिल नेतृत्व किया गया। जिसमें नागालैंड में उक्त समय व्याप्त आतंकवादी गतिविधियों को दबाने में उनकी रणनीति को सेना में एक नजीर माना जाता है। उत्तराखंड के वर्तमान गवर्नर लेफ्टिनेंट जेनरल(सेवा0) गुरमीत सिंह द्वारा अनिल चौहान को नया सीडीएस नियुक्त किये जाने पर बधाई देते हुए स्वयं जम्मू में बतौर कोर कमांडर नियुक्ति के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल चौहान के बारामुल्लाह में जनरल ऑफिसर इन कमांड साथ काम की तस्वीर साझा कर देश की सेवा का नेतृत्व उनको सौंपे जाने को भारत सरकार का सही निर्णय बताया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय सेना को उनके सामरिक,दूर दृष्टि, कुशलता व अनुभव का फायदा मिलेगा।

शांत,अनुशासित किन्तु सख्त माने जाने वाले नवनियुक्त सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान भारतीय सेना के डीजीएमओ पद भी संभाल चुके है। उनके द्वारा वर्ष 2019 में भारतीय सेना पर पुलवान में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बना किये गए एयर स्ट्राइक में आपरेशन सनराइज के डीजीएमओ के तौर पर अहम भूमिका निभाई थी। वह इससे पूर्व कोर 3 के कमांडर भी रह चुके है। भारतीय सेना में काबिल अधिकारियों में गिने जाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। वह वर्तमान में एनएसए अजीत डोभाल की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय(एनएससीएस) में सैन्य सलाहकार है।

देश के नए सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान सीडीएस होने के साथ-साथ वह रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों के विभाग में सचिव पद भी संभालेंगे। केंद्र सरकार द्वारा फिलहाल उनका कार्यकाल कब तक होगा उसकी घोषणा नही की है।लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान द्वारा वर्ष 2010 में आफ्टर मैथ ऑफ द न्यूक्लियर अटैक नामक एक पुस्तक भी लिखी है।

जानकारी हो कि देश के प्रथम सीडीएस रहे जनरल बिपिन सिंह रावत की गक्त वर्ष 8 दिसंबर 2021 को एक मिलिट्री कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए इस्तेमाल किये गए चॉपर के दुर्घटनाग्रस्त होने से मृत्यु हो गयी। उक्त हादसे में उनकी पत्नी समेत थल सेना के फो वरिष्ठ अधिकारी,वायु सेना के अधिकारी व उनकी सुरक्षा में तैनात कमांडो की भी मृत्यु हो गयी थी।

केंद्र द्वारा सीडीएस के पद पर नियुक्ति को नियमों में बदलाव किए गए है। जिसके अंतर्गत पहले जहां चार स्टार वाले जनरल व जल और वायु सेना के अध्यक्ष ही सीडीएस नियुक्त किये जाना तय किया था। तो वहीं अब थल सेना के लेफ्टिनेंट जनरल, जल सेना के वाईस एडमिरल व वायु सेना के एयर मार्शल भी इस पद पर नियुक्त हो सकेंगे

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