देहरादून

उत्तराखंड की बेटी कविता ने माउंट विंसन पर फहराया तिरंगा

कविता ने अंटार्कटिका फतह कर किया पूरे विश्व में देश व राज्य का नाम ऊंचा

उत्तराखंड के अल्मोड़ा की रहने वाली कविता चंद ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन (4,892 मीटर) पर सफल चढ़ाई कर इतिहास रच दिया है। 40 वर्षीय एंड्योरेंस एथलीट कविता ने 14 दिसंबर 2025 को स्थानीय समयानुसार रात 8:30 बजे शिखर पर पहुंचकर भारतीय तिरंगा फहराया और देश को गौरवान्वित किया। वर्तमान में मुंबई में रह रहीं कविता की इस उपलब्धि से पूरे उत्तराखंड में खुशी की लहर है।
यह चढ़ाई कविता चंद के महत्वाकांक्षी सेवन समिट्स लक्ष्य की दिशा में एक अहम कदम है, जिसके तहत दुनिया के सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई की जाती है। इससे पहले वह यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस को भी फतह कर चुकी हैं।
दुनिया की सबसे कठिन पर्वतारोहण चुनौतियों में शामिल माउंट विंसन पर अत्यधिक ठंड, पूर्ण एकांत और अंटार्कटिका के अप्रत्याशित मौसम का सामना करना पड़ता है। कविता का अभियान 3 दिसंबर को भारत से रवाना होने के साथ शुरू हुआ। वह 4 दिसंबर को चिली के पुंटा एरेनास पहुंचीं और 7 दिसंबर को यूनियन ग्लेशियर के लिए उड़ान भरी। इसके बाद स्की-सुसज्जित छोटे विमान से करीब 40 मिनट की उड़ान के बाद वह विंसन बेस कैंप पहुंचीं।
इस अभियान का नेतृत्व प्रसिद्ध हाई-एल्टीट्यूड गाइड मिंग्मा डेविड शेरपा ने किया। भारतीय दल को पर्वतारोही भरत थम्मिनेनी और उनकी एक्सपेडिशन कंपनी बूट्स एंड क्रैम्पन का सहयोग मिला। नौ सदस्यीय भारतीय टीम ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद सफलतापूर्वक शिखर तक पहुंच बनाई।
अपनी सफलता पर कविता चंद ने कहा माउंट विंसन के शिखर पर भारतीय तिरंगा फहराना मेरे लिए गर्व और सम्मान का क्षण है। मैं चाहती हूं कि मेरी यह यात्रा पेशेवरों को यह विश्वास दिलाए कि फिटनेस, करियर और महत्वाकांक्षा साथ-साथ आगे बढ़ सकते हैं।
पर्वतारोहण के साथ-साथ कविता एंड्योरेंस रनिंग में भी पहचान बना चुकी हैं। वह दिल्ली और मुंबई हाइरॉक्स 2025 प्रतियोगिताओं में अपनी आयु वर्ग की विजेता रह चुकी हैं और एबॉट वर्ल्ड मैराथन मेजर्स सिक्स स्टार चैलेंज की छह में से तीन मैराथन पूरी कर चुकी हैं।
पूर्व में मीडिया क्षेत्र से जुड़ी रहीं कविता ने 2024 में कॉरपोरेट करियर छोड़कर पूरी तरह फिटनेस को अपनाया। 2017 में दौड़ने से शुरुआत और 2024 में पर्वतारोहण अपनाने वाली कविता आज खासतौर पर कामकाजी महिलाओं और माताओं के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी हैं।
उनके पति दीपक चंद ठाकुर, जो एनपीएसटी के सीईओ और सह-संस्थापक हैं, पूरे सफर में उनका मजबूत सहारा बने रहे।
अंटार्कटिका की बर्फीली चोटी पर तिरंगा फहराने के बाद कविता चंद अब और बड़ी चुनौतियों की ओर बढ़ रही हैं, और अपनी उत्तराखंड की जड़ों को गर्व के साथ वैश्विक मंच तक पहुंचा रही हैं।

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