देहरादून

ठप्पड़ से भड़की उत्तराखंड में नाराजगी

महिला नर्सिंग कर्मी पर पुलिस की मारपीट के विरोध में महिला कांग्रेस और नर्सिंग एकता मंच का प्रदर्शन

महिला नर्सिंग कर्मी के साथ पुलिस की मारपीट के विरोध में मंगलवार को महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं और नर्सिंग एकता मंच ने पुलिस मुख्यालय घेराव का निर्णय लिया। प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया।
गौरतलब है कि सोमवार, 8 दिसंबर को बेरोजगार नर्सिंग कर्मी मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर रहे थे। वे नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया को पूर्व की तरह वर्षवार किए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। न्यू कैंट रोड स्थित साला वाला के निकट बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसी दौरान एक महिला कॉन्स्टेबल ने एक महिला नर्सिंग कर्मी को थप्पड़ जड़ दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे आक्रोश फैल गया।
मंगलवार को पुलिस मुख्यालय की ओर बढ़ते प्रदर्शनकारियों को सुभाष रोड पर भारी पुलिस बल ने बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। आगे बढ़ने पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसी बीच महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला और प्रदेश उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर नारेबाजी की और राज्य सरकार का पुतला दहन किया।
काफी देर हंगामा और नारेबाजी के बाद पुलिस ने नर्सिंग एकता मंच से जुड़े अभ्यर्थियों और महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं को बसों में बैठाकर एकता विहार धरना स्थल छोड़ने के लिए भेजा।
नर्सिंग एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष नवल पुंडीर ने कहा कि लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने तत्काल मांग की कि वर्तमान नर्सिंग भर्ती विज्ञप्ति निरस्त की जाए, भर्ती प्रक्रिया वर्षवार हो, उत्तराखंड मूल के निवासियों को प्राथमिकता मिले और आयु सीमा पार कर चुके योग्य अभ्यर्थियों को छूट दी जाए।
उन्होंने कहा, कोरोना काल में मरीजों की सेवा करते हुए हमने अपने परिवार की परवाह नहीं की। हमें फूलों से सम्मानित किया गया। लेकिन अब सरकार हमारी मांगों को पूरा करने में आनाकानी कर रही है। सोमवार को हमारे साथ हुए दुर्व्यवहार की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
प्रदर्शन और विरोध प्रदर्शन के दौरान एक बार फिर साफ हो गया कि प्रदेश में बेरोजगार नर्सिंग अभ्यर्थियों की समस्याएं अभी भी गंभीर हैं और उनका समाधान नहीं होने पर आंदोलन और तेज हो सकता है।

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