देहरादून

देहरादून लोक अदालत में रिकॉर्ड, एक दिन में सुने गये 17 हजार केस, ₹22 करोड़ का सेटेलमेंट

13 दिसंबर को देहरादून में सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5.00 बजे लोक अदालत लगाई गई

राजधानी देहरादून में लोक अदालत लगाई गई। देहरादून जिला मुख्यालय कोर्ट परिसर में आयोजित लोक अदालत में केवल एक दिन में 17,177 मामलों का निस्तारण किया गया। इसमें 10,188 मामले अलग अलग न्यायालयों में विचाराधीन थे। इस दौरान कुल 21,75,49,988 यानी इक्कीस करोड़ पचहत्तर लाख उनचास हजार नौ सौ अठासी रुपए का सेटलमेंट किया गया।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशों के क्रम में पूरे देश में लोक अदालतों का आयोजन हर तीन माह में किया जाता है। इसी के चलते 13 दिसंबर को देहरादून में भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून में 10 बजे से शाम 5 बजे तक कोर्ट परिसर जिला मुख्यालय देहरादून के अलावा तहसील कोर्ट ऋषिकेश, विकासनगर, डोईवाला, मसूरी और चकराता में भी साल की आखिरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम, सिविल मामले, पारिवारिक मामले, चेक बाउंस से संबंधित मामले, शमनीय प्रकृति के आपराधिक मामले और अन्य प्रकृति के मामलों पर सुनवाई की जाती है। लोक अदालत के दौरान देहरादून मुख्यालय कोर्ट परिसर में फौजदारी में शमनीय प्रकृति के 511 मामले, बैंक संबंधी 507 मामले, पैसा वसूली सम्बंधी 26 मामले, मोटर-दुर्घटना क्लेम के 57 मामले, पारिवारिक विवाद सम्बंधी 59 मामले, लेबर बोर्ड के 03 मामले, मोटर वाहन अधिनियम के शमनीय अपराधों के 8950 मामले के अलावा अन्य सिविल प्रकृति के 48 मामलों सहित कुल 7261 मामलों का निस्तारण किया गया।

मुख्यालय से बाहर तहसील कोर्ट में समझौता
विकास नगर में कुल 1242 मामलों का आपसी राजीनामे की आधार पर निस्तारण ,कुल 12109000 की धनराशि पर समझौता,
ऋषिकेश में कुल 1377 मामलों का निस्तारण कर कुल 27366571 की धनराशि पर सेटेलमेंट,
डोईवाला तहसील कोर्ट में 241 मामलों का निस्तारण कर कुल 24328663 की धनराशि पर समझौता,
मसूरी कोर्ट में 52 मामलों का निस्तारण कर कुल 915917 की धनराशि पर समझौता,
चकराता कोर्ट में 13 मामलों का निस्तारण कर कुल 1116543 धनराशि पर समझौता किया गया।

आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में भी देहरादून जिले की प्रफोर्मेंस उत्कृष्ट रहा था। जिसमें एक ही दिन में लगभग 21 हजार मामलों का सफल निपटारा किया गया। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा क्यों इस लोक अदालत के बाद पहली बार ऐसा हुआ था जब देहरादून डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेंडेंसी केस की संख्या एक लाख के नीचे चले गये थे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून की सचिव और वरिष्ठ सिविल जज सीमा डुंगराकोटी ने बताया राष्ट्रीय लोक अदालते न्याय प्रणाली की गरिमा को मजबूत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

 

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