दो दिन की दीपावली से व्यापारियों के खिले चेहरे
भीड़भाड़ ने तोड़ा मंदी का सन्नाटा, हर सेक्टर में बढ़ी बिक्री, सनातन परंपरा और आस्था ने फिर दिखाया असर

देशभर में दीपावली का त्योहार इस बार दो दिन तक उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। कहीं 20 अक्टूबर को तो कहीं 21 अक्टूबर को दीपावली मनाई गई। दो दिन तक दीपावली मनाए जाने का असर बाजारों पर भी साफ दिखाई दिया। देहरादून समेत राज्य के तमाम शहरों में बाजारों में जमकर भीड़ देखने को मिली। इससे व्यापारी वर्ग बेहद उत्साहित नजर आया।
इस बार की दीपावली व्यापारियों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं रही। मानसून की वजह से बीते महीनों में व्यापार में आई मंदी को इस त्योहारी सीजन ने जैसे पलट दिया हो। व्यापारी वर्ग ने बताया कि दो दिन की दीपावली से उन्हें जबरदस्त बिक्री देखने को मिली है। ग्राहकों की भारी भीड़ और उत्साह ने बाजार की स्थिति में सकारात्मक बदलाव किया है।
त्योहारी सीजन से पहले केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी स्लैब में किए गए संशोधनों का सीधा असर बाजार पर पड़ा। इससे ग्राहकों को कुछ राहत मिली, और लोगों ने बढ़-चढ़कर खरीदारी की। व्यापारी वर्ग का कहना है कि इस दीपावली लोगों की परचेजिंग पावर पहले के मुकाबले ज्यादा देखने को मिली। मध्यमवर्गीय परिवारों से लेकर उच्चवर्ग तक, सभी ने जमकर सामान खरीदा।
भले ही बाजार में सोने-चांदी की कीमतें आसमान छू रही हों, लेकिन श्रद्धा और परंपरा के चलते लोगों ने गहनों की खरीद में कोई कसर नहीं छोड़ी। व्यापारियों के मुताबिक, धनतेरस और दीपावली पर गहनों की बिक्री में 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे ज्वेलरी सेक्टर में लंबे समय बाद रौनक देखने को मिली।
दीपावली के मौके पर केवल गहनों की ही नहीं, बल्कि ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में भी अच्छी खासी बिक्री दर्ज की गई। व्यापारियों ने बताया कि इस बार बड़ी संख्या में लोगों ने कारें, बाइक और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद जैसे टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि खरीदे। कई डीलरों को स्टॉक कम पड़ने जैसी स्थिति का सामना भी करना पड़ा।
व्यापारियों का कहना है कि दीपावली सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आस्था और परंपरा का संगम है। यही कारण है कि लोग भले ही महंगाई से परेशान हों, लेकिन धर्म और संस्कृति के पर्वों में पीछे नहीं हटते। यही वजह है कि इस बार भी लोगों ने दिल खोलकर दीपावली मनाई और बाजार को भी रोशन किया।



