संस्कृत ग्रामों में हर तीन माह पर आयोजित होंगी संस्कृत चौपालें:रावत

प्रदेशभर के संस्कृत ग्रामों में प्रत्येक तीन माह में संस्कृत चौपाल का आयोजन किया जाएगा। इसका उद्देश्य संस्कृत भाषा के विकास के साथ आम लोगों को देववाणी संस्कृत के प्रति जागरूक करना है।
आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में संस्कृत विभाग की समीक्षा बैठक लेते हुए सूबे के संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि इन चौपालों में भाषा विशेषज्ञ, शोधार्थी और संस्कृत विद्वान प्रतिभाग करेंगे। साथ ही संबंधित जिलाधिकारी, संस्कृत शिक्षक और विभागीय अधिकारी भी इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
डॉ. रावत ने कहा कि संस्कृत चौपालों के माध्यम से लोगों को संस्कृत भाषा में संवाद स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि वे इसे अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर सकें। इसके अलावा, विभिन्न शिक्षण संस्थानों में संस्कृत गोष्ठियों और प्रदर्शनियों का आयोजन भी किया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संस्कृत ग्रामों के मुख्य द्वार भी संस्कृत भाषा में उत्कीर्ण किए जाएँ। प्रदेश के संस्कृत ग्रामों को और विकसित करने के लिए केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और राज्य संस्कृत विश्वविद्यालय का विशेष सहयोग लिया जाएगा।
डॉ. रावत ने यह भी कहा कि राज्य के संस्कृत ग्राम के युवाओं और महिलाओं को समय-समय पर राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, विधानसभा, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय देवप्रयाग परिसर और उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय का विशेष सहयोग लिया जाएगा।
डॉ. रावत ने यह भी कहा कि राज्य के संस्कृत ग्राम के युवाओं और महिलाओं को समय-समय पर राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, विधानसभा, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय देवप्रयाग परिसर और उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा।
बैठक में सचिव संस्कृत दीपक कुमार, कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय दिनेश चन्द्र शास्त्री, अपर सचिव संस्कृत शिक्षा कवीन्द्र सिंह, निदेशक संस्कृत शिक्षा कंचन देवराड़, अनुसचिव संस्कृत शिक्षा गीता शरद, वित्त अधिकारी संस्कृत अकादमी सतेन्द्र प्रसाद डबराल, सचिव उत्तराखंड संस्कृत अकादमी प्रो. मनोज किशोर पंत, कुलसचिव संस्कृत विश्वविद्यालय दिनेश कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।



