
दिनांक 13 जुलाई
उत्तराखंड क्रांति दल के जिला अध्यक्ष महानगर परीक्षेत्र दीपक रावत एडवोकेट द्वारा पार्टी के सदस्यता अभियान में तेजी एवं जमीनी स्तर पर सांगठनिक ढांचे को मजबूत करने हेतु जिला देहरादून जोन प्रभारी डॉ शक्तिसेल कपरवाण की अध्यक्षता में एक कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया l जिसमें डॉक्टर कपरवाण ने कहा कि संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए ग्रास रूट पर कार्य करना होगा l जिसके लिए ग्राम, वार्ड स्तर तक दल के सदस्यता अभियान को पहुंचाना होगा l क्षेत्रीय विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए तथा दल की नीति रीति को जन जन तक पहुंचाने से ही दल को मजबूती मिलेगी l उन्होंने कहां की उत्तराखंड की लोक संस्कृति ,परंपरा एवं भाषा का संरक्षण करना अत्यंत आवश्यक हो गया है l जिला देहरादून प्रभारी मोहन सिंह असवाल ने कहा कि यह राज्य हमें बहुत ही संघर्षों और 42 शहादत के बाद मिला है l राज्य हित के लिए उक्रांद ने पहले भी आंदोलन किया तथा आज भी जनता के हितों को लेकर उक्रांद आंदोलन करने को तैयार है l इसी क्रम में जिला देहरादून प्रभारी गणेश प्रसाद काला ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल के संगठन को मजबूती देने के लिए संगठन में युवाओं तथा महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी होनी चाहिए l युवा तथा महिलाएं किसी भी संगठन की दो मजबूत स्तंभ होते हैं lआगे जिला अध्यक्ष महानगर परीक्षेत्र देहरादून दीपक रावत ने कहा की जिला देहरादून में संगठन को ग्रासरूट तक ले जाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है , जिसमें कि प्रत्येक पदाधिकारी को सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य है l दल में नई ऊर्जा के संचार के लिए हमारे वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी युवाओं का मार्गदर्शन करना होगा, तभी संगठन को वास्तव में मजबूती मिलेगी l
इस अवसर निवर्तमान केंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय ,सुनील ध्यानी, कार्यकारी जिलाध्यक्ष देहरादून किरन रावत कश्यप ,कोषाध्यक्ष जिला देहरादून मुकेश कुंडरा ,मीनाक्षी सिंह ,जितेंद्र सिंह, विकास भट्ट ,कमलेश नौटियाल ,अनुराग पांडे ,नीलम रावत , निशा सिंह, सुमित डंगवाल ,रविंद्र ममगई, किरण घनशाला , हिमांशु धनाई , दीपक ममगई, सचिन, ललित ,रेखा शर्मा ,मनोज कांबोज, बिपिन रावत, वरुण शर्मा ,सुरेश आर्य आदि उपस्थित रहे l
अंत में उत्तराखंड का नाम रोशन करने वाले समाजसेवी अवधेश कौशल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई निवर्तमान केंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि ने कहा कि अवधेश कौशल क्षेत्रीय विचारधारा के प्रबल समर्थक थे और वह है निरंतर ही क्षेत्रीय मुद्दों पर जन संघर्ष करते रहे ऐसी महान विभूति के जाने से उत्तराखंड ही नहीं अपितु देश को नुकसान हुआ है उन्होंने कहीं ऐसे ही सामाजिक कुरीतियों के समाधान किए हैं जो असंभव थे वह और उनका संपूर्ण परिवार शिक्षा के रूप में जाना जाता रहा है उनके इस महान योगदान के लिए उनको हमेशा याद किया जाता रहेगा।