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जानिए कैसे वियोग में राम राम कहते मंच पर कलाकार की वास्तविक मौत से अमर हुआ दशरथ का किरदार ।

रावण दहन के साथ ही सभी रामलीलाओ के कलाकार वास्तविक जीवन के किरदार में वापिस लौट गये सिवाय दशरथ बने राजेन्द्र सिंह के, जिनकी राम वियोग में राम राम कहते हुई मौत उनके किरदार को अमर कर गई । बिजनौर की एक रामलीला मंचन के दौरान हुए इस हादसे का अभिनय देखकर ताली बजाते दर्शकों को उस समय अह्सास भी नही हुआ । लेकिन इस दुखद घटना के बाद इस रामलीला के मंचन समाप्त कर दिया गया है एक कलाकार की मौत हो गई।

दशरथ का किरदार निभाते हुई कलाकार की मौत की मंच पर मौत की घटना बिजनौर हसनपुर गांव की है। यह किरदार निभाने वाले थे पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह मंचन के दौरान पिता की आज्ञा से वनवास गये राम, सीता और लक्ष्मण का हाल मंत्री सुमन्त से सुनाने के दृश्य में दशरथ का भावुक होकर भगवान श्रीराम के वियोग राम-राम चिल्लाने रहे थे । पहले से तय सीन के मुताबिक ही राम-राम कहते हुए दशरथ बने राजेंद्र सिंह मंच पर गिर गए । साथी कलाकार और दर्शक सभी यही समझते रहे कि वे अभिनय कर रहे हैं लेकिन उन्होंने मंच पर ही दम तोड़ दिया। सामान्यता पर्दा गिरने के बाद भी जब वह नही उठे तो साथी कलाकारों ने राजेंद्र सिंह को उठाने की कोशिश की, लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टरों का कहना है कि दिल की धड़कने रुकने से उनकी मौत हुई है। चूंकि वह कई साल से कर रहे अभिनय कर रहे थे और ऐसे अपने अपने किरदार को लेकर अत्याधिक भावुक होना उनके हार्ट अटैक की वजह माना जा रहा है ।

फिलहाल घटना की जानकारी के बाद से रामलीला का मंचन रोक दिया गया है । लेकिन प्रभु श्री राम की विदाई से अत्यंत पीड़ा मह्सूस करने वाले राजेन्द्र का वास्तविक मृत्यू वाला यह जीवन्त अभिनय, उनके दशरथ के किरदार को अमर कर गया ।

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