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Finally… आखिरकार छापे में कुल कितने सौ करोड़ का निकला समाजवादी इत्र….कारोबारी, साथ ही जाने कुछ और अनसुने आंकड़े इस टैक्स रेड के ?

तीन दिन से जीएसटी एयर आईटी विभाग की छापेमारी में इत्र कारोबारी में नोटों की टकसाल का मालिक निकाला | आज तो बहुत से लोगों को टकसाल का अर्थ नहीं पता होगा, तो यहाँ हम बताते हैं टकसाल यानि नोटों या सिक्के बनाने का कारख़ाना | Finally इस छापे में कुल 284 करोड़ की नकदी और सोने चांदी की सिल्लियाँ मिली हैं | फिलहाल समाजवादी पार्टी से ताल्लुक रखने वाला और उनके लिए विशेष इत्र ईजाद करने वाले इस कारोबारी पीयूष जैन को गिरफ्तार कर लिया गया है |  

दरअसल यह हाई प्रोफाइल छापे की कार्यवाही शुरू हुई थी इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर स्थित घर पर डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस यानि DGGI अहमदाबाद की टीम की छापेमारी से । शुरुआत में यह कार्यवाही इसलिए चर्चा में आई क्यूंकि इसी कारोबारी ने समाजवादी पार्टी के लिए पूर्व सीएम अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी इत्र लॉंच किया था | लेकिन शुरुआती विरोध के बाद यहां GST और IT की 2 दिन तक चली कार्रवाई के बाद 177 करोड़ रुपए कैश बरामद होने के बाद राजनैतिक होहल्ला कम हो गया है । इसके बाद दोनों की संयुक्त टीम ने पीयूष के पैतृक आवास कन्नौज में छापेमारी की, जहां मिले कैश को मिलाकर अब तक कुल 284 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम बरामद हो चुकी है | नोटों की इस टकसाल के अलावा भी बहुत सी मनोरंजक और चौकाने वाली जानकारी इस छापे में सामने आई हैं जो आपके लिए जानना जरूरी है | आइये आपको बताते हैं ….

  • इत्र कारोबारी के ठिकानों से कुल मिले 284 करोड़ रुपए में 177 करोड़ कानपुर वाले घर से और 107 करोड़ रुपए कन्नोज वाले घर से बरामद हुए हैं
  • कन्नोज वाले मकान में एक तहखाना भी मिला जिसमें 250 किलो चांदी और 25 किलो सोने की सिल्लियां बरामद हुईं। साथ ही 300 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं।
  • कन्नौज के 3 घरों की तलाशी में 9 बोरियों में करोड़ों का कैश, गोल्ड और सिल्वर की सिल्लियां बरामद हुई हैं।
  • छापा मारने वाली टीम के लिए सबसे बड़ी पहेली बनी है एक झोले से बरामद 200 चाभियांहालत यह है कि अधिकारी अब इन चाभियों के ताले तलाश रहे हैं

चूंकि पीयूष जैन अभी तक पैसों का कोई संतोषजनक सोर्स नहीं बता सका है, इसलिए उसे सेंट्रल जीएसटी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है । अब केंद्रीय GST टीम कानपुर कोर्ट में कारोबारी के रिमांड के लिए दावा करेगी। फिलहाल कानूनी दांवपेच में कुबेर के इस खजाने का वैध पता साबित हो या न हो, लेकिन चुनाव पूर्व इतनी बड़ी रकम का मिलना कहीं न कहीं मतदाता को प्रभावित करने के लिए काले धन के इस्तेमाल की पुष्टि अवश्य करता है |

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