उत्तराखण्ड

बंद हो जाएगा 15 जून से कॉर्बेट का ढिकाला जोन

मॉनसून की दस्तक के साथ पर्यटकों की सुरक्षा बनी प्राथमिकता, नाइट स्टे पर भी रोक

देहरादून/रामनगर: उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व का सबसे दिलचस्प और सबसे चर्चित जोन ढिकाला, 15 जून से पर्यटकों के लिए बंद हो जाएगा।
ये बंदी किसी नाराज़गी का नतीजा नहीं, ये मौसम की मार से पहले की एहतियात है। हर साल की तरह इस साल भी मॉनसून से पहले कॉर्बेट प्रशासन ने तय किया है कि 15 जून से ढिकाला ज़ोन और पार्क के बाकी हिस्सों में नाइट स्टे पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी। वजह वही पुरानी, लेकिन जरूरी बारिश। बता दे कि ढिकाला कोई आम जंगल नहीं, ये जंगलों का वो अनुभव है जो सिर्फ आंखों से नहीं, आत्मा से देखा और महसूस किया जाता है। लेकिन बारिश के मौसम में ये अनुभव रोमांच से ज़्यादा ख़तरा बन सकता है। जून से नवंबर के बीच यहां तेज बारिश, उफनती नदियाँ और फिसलन भरे रास्ते सब मिलकर एक ऐसी तस्वीर बना देते हैं जिसमें टाइगर कम, ट्रैक्टर ज़रूरी लगने लगता है। इसीलिए ढिकाला ज़ोन हर साल 15 जून से 15 नवंबर तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है। ढिकाला के साथ-साथ बिजरानी ज़ोन भी 30 जून से बंद कर दिया जाएगा। इसे 15 अक्टूबर को फिर से खोला जाएगा। मतलब, मॉनसून के दौरान पर्यटक सिर्फ झिरना, ढेला और गर्जिया जोन में ही जंगल सफारी का लुत्फ उठा पाएंगे।
वहीं पहाड़ों में एक कहावत है कि बारिश में पहाड़ नहीं पुकारते, वो संभलने को कहते हैं। ढिकाला जोन में कुल 30 कमरे और 12 डॉरमेट्री, गैरल में 6 कमरे, सुल्तान और मलानी जैसे इलाकों में भी नाइट स्टे की सुविधा थी, लेकिन 15 जून से ये सब बंद हो जाएगा। कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के वॉर्डन अमित ग्वासाकोटी के मुताबिक इस वर्ष अब तक 6000 अधिक पर्यटक यहां पहुंचे हैं।
ढिकाला में अप्रैल से 14 जून तक ही लगभग एक लाख लोग डे सफारी और नाइट स्टे का आनंद उठा चुके हैं। लेकिन अब ये जंगल कुछ महीनों के लिए सैलानियों से नहीं, बारिश की बूँदों से भरेगा। पार्क प्रशासन पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। फिसलते रास्ते, बहते नाले, और जंगल में अचानक आने वाली मुश्किलें ये किसी इंस्टाग्राम रील में नहीं दिखाई देतीं। इसलिए, अब जंगल का राजा अकेला चलेगा। कैमरे बंद होंगे, लेकिन हरियाली का परदा खुला रहेगा सिर्फ बारिश के लिए।
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