भाजपा सरकार ने समय रहते उठाये होते कदम तो आज जोशीमठ के लोगों को ऐसी त्रासदी का नहीं करना पड़ता सामना :-करन माहरा

देहरादून 5 जनवरी:
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर जोशीमठ के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों के विस्थापन एवं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र में प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा हैं कि चमोली जनपद मे स्थित जोशीमठ नगर उत्तराखण्ड राज्य का एक ऐतिहासिक, पौराणिक धार्मिक नगर होने के साथ ही आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित ज्योतिर्मठ नगर भी है, जिसे भगवान बद्री विशाल के तीर्थ स्थल का प्रवेश द्वार कहा जाता है। विगत कुछ समय से जोशीमठ क्षेत्र में घटी भारी भूस्खलन की अप्रिय घटनाओं के चलते न केवल जोशीमठ नगर पर संकट छाया है अपितु वहां पर निवास करने वाले हजारों स्थानीय लोग बेघर होने की कगार पर पहुंच गए हैं।
करन माहरा ने कहा कि संयुक्त उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भूगर्भ वैज्ञानिकों की सलाह पर वर्ष 1976 में गठित मिश्रा कमेेटी की विस्तृत रिपोर्ट मे स्पष्ट रूप से जोशीमठ नगर को बचाये रखने के लिए यहां पर भारी निर्माण कार्यों पर रोक लगाये जाने की सिफारिश करने के साथ ही जोशीमठ नगर को बचाने के लिए कुछ रचनात्मक सुझाव भी दिये गये थे, परन्तु इन सुझावों पर अमल न करने के कारण आज जोशीमठ नगर का अस्तित्व संकट में पड़ गया है। जोशीमठ क्षेत्र मे लगातार घट रही भू-स्खलन की घटनाओं से सैकड़ों आवासीय मकानों में दरारें पड़ चुकी हैं तथा कभी भी भयावह त्रासदी से होने वाली जनहानि का सामना करना पड़ सकता है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति एवं स्थानीय जनता द्वारा लगातार आन्दोलन के माध्यम से राज्य सरकार से उचित कदम उठाये जाने की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि भूगर्भ शास्त्रियों की पूर्व चेतावनी के बावजूद राज्य सरकार द्वारा दैवीय आपदा संभावित क्षेत्र में सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं किये जा रहे हैं जिससे जोशीमठ क्षेत्र के लोगों के मन में दहशत का माहौल व्याप्त है। स्थानीय लोगों की जानमाल की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु समय रहते समुचित कदम उठाने के साथ ही संवेदनशील क्षेत्र के लोगों के उचित विस्थापन की व्यवस्था की जानी चाहिए।
करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि जोशीमठ नगर के ऐतिहासिक, पौराणिक एवं धार्मिक महत्व के साथ-साथ स्थानीय लोगों की जानमाल को दृष्टिगत रखते हुए मिश्रा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने तथा आपदा संभावित क्षेत्र के लोगों के समुचित विस्थापन की व्यवस्था सुनिश्चित करवायी जाय।