छोटे अपराधों में अब जेल नहीं बल्कि जुर्माना
कैबिनेट ने ट्रांसमिशन लाइन्स के लिए मुआवजा बढ़ाया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में 19 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में ऊर्जा, वित्त, पीडब्ल्यूडी, कृषि, उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा, नियोजन और तकनीकी शिक्षा विभागों से जुड़े अहम फैसले लिए गए। इनमें सबसे अहम फैसला जन विश्वास एक्ट को मंजूरी का रहा, जिसके तहत छोटे अपराधों में अब जेल की सजा नहीं होगी, बल्कि बढ़ी हुई जुर्माना राशि का प्रावधान किया गया है।
नियोजन विभाग द्वारा लाए गए प्रस्ताव के तहत बिजनेस और इकोनॉमिक एक्ट्स में सामंजस्य बनाने के लिए 52 कानूनों की समीक्षा की गई। इनमें से 7 एक्ट को संशोधित कर कारावास की सजा को समाप्त कर दिया गया है। अब इन एक्ट्स में सिर्फ जुर्माना ही लगाया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब कृषि भूमि में लैंड यूज बदले बिना ही रिज़ॉर्ट बनाए जा सकेंगे। इसके लिए भूमि सीमा को 9–12 मीटर से घटाकर 6–9 मीटर कर दिया गया है।
उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अहम प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी मिली। योजना के तहत राज्य के सरकारी संस्थानों में पढ़ने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग उपलब्ध कराई जाएगी।
ऑनलाइन क्लासेस और पूरा पाठ्यक्रम डाउनलोड करने की सुविधा भी मिलेगी।
उत्तराखण्ड कैबिनेट ने पिटकुल द्वारा 66 केवी एवं उससे अधिक क्षमता की अंतर्राज्यीय पारेषण लाइनों के निर्माण में भूमि मालिकों को न्यायसंगत मुआवजा देने का निर्णय लिया है। अब टावर के चारों कोने के नीचे और एक मीटर परिधि के भीतर आने वाली भूमि के लिए मुआवजा सर्किल रेट का दो गुना होगा। इसके अलावा, खेतों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 30 प्रतिशत, अर्द्ध नगरीय में 45 प्रतिशत और नगरीय क्षेत्र में 60 प्रतिशत दर से मुआवजा दिया जाएगा। सर्किल रेट और मार्केट रेट में अंतर होने पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति मुआवजे की
पिथौरागढ़ स्थित नैनी-सैनी एयरपोर्ट का प्रबंधन और आधुनिकीकरण भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को स्थायी रूप से हस्तान्तरित किया गया।
देहरादून में प्रस्तावित 4-लेन एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजनाओं के निर्माण में इस्तेमाल सामग्री पर जीएसटी और रॉयल्टी का व्यय भार राज्य सरकार द्वारा छूट दी जाएगी।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत उत्तराखण्ड में अभियोजन निदेशालय स्थापित किया जाएगा। इसका प्रधान अभियोजन निदेशक गृह विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करेगा।
इसी के साथ उत्तराखण्ड वित्त विभाग के अंतर्गत जीएसटी संशोधन अध्यादेश को प्रख्यापित किया गया।



