
उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान उत्तरकाशी जिले के पुरोला विधानसभा में हो रहे भ्रष्टाचार पर हमला बोला।
दसोनी ने कहा आज प्रदेश में भ्रष्टाचार का यह आलम है कि स्वयं सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं और विधायकों को मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी अधिकारियों की शिकायत सार्वजनिक रूप से करनी पड़ रही है, परंतु विडंबना ये है की उनकी शिकायतों की भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
दसोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि मामला गोविंद वन्य जीव विहार पुरोला का है जिस के उप निदेशक के पद पर डीपी बडोनी कार्यरत हैं। दसौनी ने कहा कि भाजपा के सांकरी के मंडल अध्यक्ष सूरज रावत ने स्थानीय विधायक को उपरोक्त निदेशक के स्थानांतरण हेतु शिकायती पत्र लिखा है, जिसमें सूरज रावत ने यह साफ तौर पर लिखा है कि उक्त अधिकारी काम के बदले 40 परसेंट कट की डिमांड करता है और स्थानीय जनता के साथ भी उसका व्यवहार ठीक नहीं है और तो और सूरज रावत ने बलूनी पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी ठेकेदार 40 परसेंट कट नहीं देता उसका बिल पास नहीं किया जाता।
दसोनी ने बताया कि सूरज रावत के पत्र का संज्ञान लेते हुए स्थानीय विधायक दुर्गेश्वर लाल ने मुख्यमंत्री को पुरोला वन्य जीव विहार में हो रहे इस भ्रष्टाचार की जानकारी देते हुए उक्त अधिकारी के स्थानांतरण की प्रार्थना की है।
दसोनी ने कहा कि सूत्रों के अनुसार अधिकारी का स्थानांतरण तो नहीं हो पाया है परंतु बड़ा सवाल यह नहीं है कि स्थानांतरण हुआ या नहीं बड़ा सवाल यह है कि इस भ्रष्ट अधिकारी की शिकायत मिलने पर भी धामी अपना धाकड़ पना कब दिखाएंगे? दसोनी ने कहा धामी जी का धाकड़ पन केवल विपक्ष के नेताओं के ऊपर मुकदमा करने तक ही सीमित है या फिर भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के लिए भी धामी जी की डिक्शनरी में कोई दंड है?
दसोनी ने कहा कि यह इसे राज्य का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि जिस दल की सरकार है उसी दल के नेताओं को मुख्यमंत्री और मंत्रियों से भ्रष्टाचार की शिकायतें करनी पड़ रही हैं। यह साफ बताता है की धामी सरकार में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है।