
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत आजकल मंदिरों और तीर्थों की यात्रा मे भाजपा पर शिकायत और तमाम आरोप जड़ रहे हैं, लेकिन उनकी बेचैनी तभी समाप्त होगी, जब वह शिकायत के बजाय प्रायश्चित का मार्ग ढूंढेंगे। सनातन मे प्रायश्चित के लिए विधान है, लेकिन संसार के हर धर्म मे शिकायत के बजाय ईश्वर का धन्यवाद को कहा गया है। उन्होंने कहा कि हरदा भगवान के दरबार को भी राजनीति के लिए उपयोग कर रहे हैं, लेकिन उनकी इस चाल से न जनता को कोई फर्क पड़ेगा और न ही कोई आत्म शांति हासिल होगी।
चौहान ने कहा कि हरदा को यह साफ करने की जरूरत है कि उनके साथ अन्याय कब हुआ? अगर उन्होंने खुद को पीड़ित और भाजपा को दोषी ठहराया है तो वह खुद ही कटघरे मे हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृति के सरंक्षण, बदलती डेमोग्राफी, या लव जिहाद अथवा अवैध मजारों के ध्वस्तीकरण पर की कार्यवाही की बात आती है तो वह विरोध मे खड़े नजर आये हैं।
चौहान ने कहा कि चर्चा मे आये मुस्लिम यूनिवर्सिटी भाजपा की उपज नही, बल्कि कांग्रेस के ही एक पदाधिकारी के द्वारा एक मंच पर उठाया गया मुद्दा था। तब हरदा खामोश हो गए, लेकिन पार्टी के भीतर इस पर तहकीकात करने के बजाय साल दर साल वह भाजपा को कोसते रहे हैं। जबकि उनके करीबी नेता ने इसका कभी खंडन नही किया, बल्कि उनके आश्वासन को आधार बताया। वहीं जुम्मे की नमाज पर छुट्टी का शासनादेश भी मीडिया मे खासा चर्चा मे आया, लेकिन वह उस पत्र को ढूँढने की नौटंकी करते रहे हैं।
चौहान ने कहा कि जनता को गुमराह नही किया, बल्कि जनता आँख कान खोलकर सब देखती सुनती रही है कि सनातन संस्कृति के सरंक्षण के लिए कब कौन खड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरों पर दोषारोपण के बजाय आत्म अवलोकन करने की जरूरत होगी कि समय के साथ हमने क्या न्याय संगत फैसले लिए, नही तो मोक्षदायिनी गंगा ऐसे ही बिना स्वार्थ के नाले के स्वरूप मे परिवर्तित होकर अपमानित होती। उन्होंने कहा कि शिकायत जन कल्याण के लिए हो और स्वरूप भगवान का हो तो देव दरवार मे जरूर सुनवाई होगी। नही तो आगामी चुनाव मे कांग्रेस और राजनैतिक भक्तों की बेचैनी बढ़नी तय है।
