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जानिए अब हरदा को किसका डर सता रहा है ?

देहरादून। यूपी में IT GST रेड में 300 करोड़ का समाजवादी इत्र मिलने के बाद उत्तराखंड कॉंग्रेस को भी छापों का डर सताने लगा है | कम से कम पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का #incometax #E_D से जारी ट्वीट तो कम से कम यही बयां करता है | उन्होने अपने ही अंदाज़ में उनके पोस्टर लगाने वालों को इन्कम टेक्स या ईडी को लेकर चेतावनी दी है |

इन दिनों विधानसभा चुनावों से पहले यूपी में समाजवादी पार्टी से ताल्लुक रखने वाले इत्र कारोबारी के घर दफ्तरों में पड़े income tax और ED की रेड में काले धन की टकसाल मिलने के बाद राजनैतिक हल्कों में हड़कंप मचा हुआ है | विशेषकर विपक्ष में क्यूंकि जानकारों का कहना है कि संभवत यह ब्लैक मनी आगामी चुनावों में दुरुपयोग किया जाना था | वहीं इस बड़ी छापे की कार्यवाही ने राजनैतिक दलों व उनके समर्थकों को रेड अलर्ट मोड पर ल दिया है | फिलहाल इस पर सबसे पहले उत्तराखंड में प्रतिकृया देने वालों में आगे आए हैं पूर्व सीएम हरीश रावत | दिल्ली से लौटने के बाद चुनावी माहौल बना रहे हैं। पिछले कुछ समय से राजनीति में अपने बयानों से अधिक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये खूब चर्चा बटोरने वाले हरदा ने ट्वीट कर IT ED रेड के खतरों से आगाह करते हुए अपने खजांची मित्रों के लिए ट्वीट किया हैं।

अपनी इस पोस्ट में हरदा ने #incometax #E_D के साथ लिखा है, “क्रिसमसबड़ा दिननया वर्षलोहड़ीउत्तरायणी सारे त्योहारों की आप सबको बहुत-बहुत बधाई। कई मेरे दोस्त बड़े-बड़े बैनर और होर्डिंग लगाकर मेरे नाम से बधाई देते हैं। उनसे मेरा आग्रह है कि ऐसे होर्डिंग्स में अपना नाम और चित्र न लगाएं या फिर होर्डिंग लगाएं ही नहींक्योंकि अगर आपने होर्डिंग लगाई तो इनकम टैक्स और ईडी आपके दरवाजे पर दस्तक देने पहुंच जाएगी”

फिलहाल हरीश रावत के इस ट्वीट को लेकर मजेदार प्रतिकृया सोशल मीडिया पर आ रही है | हालांकि उनकी यह पोस्ट उन्हे सुर्खियां तो दिला सकती हैं लेकिन वोट नहीं | क्यूंकि ट्विटरबाजों की क्रिया-प्रतिकृया के बाद जब यह जानकारी आम लोगों में पहुंचेगी तो स्वाभाविक सवाल उठेगा कि रावत या कॉंग्रेस के पास भी अवैध खजाने हैं जिनको वह आगामी चुनाव में खर्च करने वाली है | अब इसकी भनक किसी एजेंसी को न लगे इसी डर को वह अपनी पोस्टों में जाहिर कर रहे हैं | इस तरह की इलेक्ट्रोनिक पत्रों को सार्वजनिक करने से कुछ देर के लिए माहौल तो हल्का होता है लेकिन दीर्घकालीन दृष्टि में जनता में हरदा को लेकर गंभीरता और कॉंग्रेस को लेकर विश्वसनीयता को कम कर देती है |

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