उत्तराखण्डदेहरादून

पर्यावरण की रक्षा के लिए निकाला शांति मार्च

देहरादून। राजधानी में विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों एवं पर्यावरण प्रेमियों ने पर्यावरण की रक्षा के लिए दिलाराम चौक के पास से हाथीबड़कला पुलिस चौकी तक पर्यावरण से सम्बन्धित नारों के साथ शांति मार्च निकाला और विकास के नाम पर पेडों के बेतहाशा काटे जाने का विरोध किया गया और पेड़ों को कटने से बचाने का सभी ने एक स्वर में संकल्प लिया।

यहां राजधानी में विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि सुबह दिलाराम बाजार चौक के पास एकत्रित हुए और वहां से पर्यावरण को बचाने के लिए शांति मार्च निकाला और पेड़ों को कटने से बचाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर सभी ने एक स्वर में कहा है कि किसी भी दशा में पेड़ों को काटने नहीं दिया जायेगा। इस अवसर पर पर्यावरणविद व पर्यावरण प्रेमी रवि चोपड़ा ने कहा कि पूर्व में दून के खलंगा, कैनाल रोड व कैन्ट रोड के पेडांे का कटान भी जनांदोलन के कारण नहीं हो पाया था।

उन्होंने कहा कि तब हम लोगों ने राहत की सांस ली थी परंतु अब फिर मसूरी, ऋषिकेश, झाझरा में नई अतिरिक्त सड़को के लिए लगभग हजारों पेडांे के काटने का प्रस्ताव है और मात्र पांच व दस मिनट जल्दी पहुंचने के लिए पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और जिसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सहस्त्रधारा रोड के हजारों पेडों को काटा जा चुका है और वन विभाग द्वारा हजारांे पेडों को पत्थरों के बीच लगा दिया जिससे वह अभी से नष्ट हो रहे है।

इस अवसर पर पर्यावरण प्रेमी जगमोहन मेंदीरत्ता ने कहा कि जिस प्रकार रिस्पना नदी में एक लाख पेड़ लगाने के बाद एक पेड़ भी जीवित नहीं बचा है और ठीक उसी प्रकार अब तक जितने भी पेड लगाये गये है उसमें पांच प्रतिशत भी जीवित नहीं रहेंगंे और उन्होंने कहा कि चारों ओर भ्रष्टाचार का बोलबाला है तथा कैम्पा योजना फण्ड के दस करोड़ रुपए के लेपटॉप व मोबाइल आदि पर खर्च कर दिए गए।

इस अवसर पर पर्यावरण प्रेमी व सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने बताया कि किस प्रकार पन्द्रह सालों में उत्तराखंड में भारी मात्रा में वनभूमि का हस्तांतरण हुआ है और हमें इसके प्रति सजग होने की आवश्यकता है और लोगों को व्यापक स्तर पर जागरूक किया जायेगा। इस अवसर पर अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया।

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