कांग्रेस ने अडाणी घोटाले में मोदी और शाह की चुप्पी पर सवाल उठाए
अडानी घोटाले में कोई कार्रवाई करने में सरकार की विफलता के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी।

कांग्रेस पार्टी (Congress) ने सोमवार को राज्य के सभी जिलों में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की शाखाओं के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। कथित अडानी घोटाले (Adani Scam) में कोई कार्रवाई करने में सरकार की विफलता के खिलाफ कांग्रेस पार्टी (Congress) ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी।
देहरादून में, प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष करण महरा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एसबीआई की मुख्य शाखा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए महरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने अडानी घोटाले के मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी है. लोगों का पैसा डूब गया है लेकिन वित्त मंत्री भी कह रहे हैं कि इस मुद्दे से देश की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा. महरा ने कहा कि 10 लाख करोड़ रुपये का घोटाला सामने आ रहा है और कई बैंकों और एलआईसी ने अडानी समूह की कंपनियों में अपना पैसा लगाया है।
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पीसीसी अध्यक्ष ने आशंका जताई कि सब कुछ भारत सरकार के संरक्षण में हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि मामले की स्वतंत्र जांच के आदेश दिए जाएं. महरा ने कहा कि संसद में कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि घोटाले में एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाए.
पूर्व पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि देश के जिन लोगों को ‘अच्छे दिन’ के सपने दिखाए गए, उन्हें मोदी सरकार ने पीठ में छुरा घोंपा है. उन्होंने कहा कि देश की जनता को एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने घरों से निकलकर विरोध करना चाहिए।
सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने अडानी समूह को सभी क्षेत्रों में काम दिया और उसने अडानी को व्यापार जगत पर राज करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इसी समर्थन का नतीजा है कि अडानी ग्रुप के डूबने से आम जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है.
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पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग वह कर रही है जो भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो और आयकर विभाग को करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि लोगों की गाढ़ी कमाई लूटी जा रही है लेकिन केंद्र सरकार कार्रवाई करने के बजाय गौतम अडानी को बचाने पर तुली हुई है.
गोदियाल ने कहा कि अन्य निवेशकों के अलावा एसबीआई और एलआईसी भी घोटाले के कारण खतरे में आ गए हैं क्योंकि उन्होंने अडानी को हजारों करोड़ रुपये का कर्ज दिया है. उन्होंने कहा कि पहले से ही दबाव में चल रही देश की अर्थव्यवस्था घोटाले की वजह से खतरे में आ गई है.
विरोध प्रदर्शन में उपाध्यक्ष (संगठन) मथुरा दत्त जोशी, महासचिव (संगठन) विजय सारस्वत, उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना समेत अन्य ने हिस्सा लिया.